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गीत मेरे / एक बूँद हम / मनोज जैन 'मधुर'

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गीत मेरे कवि ह्दय को
पाँव देते हैं

गीत की लय में परम-सुख
खोज लेता हॅं
स्वर्ग से सुख का धरा पर
मैं विजेता हॅंू
गीत मेरे तस मन को
छॉंव देते हैं

वेदना-संवेदना से
बात करते हैं
गंध बन वातावरण मे
नित बिखरते हैं
गीत खुशियों के सुनहरे
गॉंव देते हैं

भावना के सिन्धु को हम
रोज मथते हैं
शब्द लय में बॉंध कर हम छनद रचते हेैं
गीत दूख के पार जाकर
ठॉंव देते हैं।