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गुड़िया / श्रवण कुमार सेठ

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जादू की लगती है पुड़िया
परियों-सी है मेरी गुड़िया
 
फ्रॉक में उसके जड़े सितारे
टिम-टिम-टिम करते हैं सारे

सुंदर-सी इक छडी हाँथ में
जादू करती बात-बात में
 
उसके पास बड़ा-सा झोला
चलती लेकर उड़न खटोला

कर जाती जो लेती ठान
उसको भाती नई उड़ान