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गुणीजन-झांकी / कुंदन माली

गुणीजनां री सोबत चोखी
गुणीजनां री संग
गुणीजनां री बातां चोखी
सुणवा वाला दंग

गुणीजनां रे अेड़े-नेड़े
देवगुणां रो वास
गुणीजन गुलमोहर ज्यूं लागे
गुणीजन अमलतास

गुणीजनां ने कम मत आंको
गुणीजन जग री आस
गुणीजन जायां कैयां रेसी
मिनखां पे विसवास

गुणीजनां रा म्हें आभारी
आभारी भगवान
सैंग आपने धन धन जाणो
गुणीजन थांरी खान

गुणीजन कठै बंध्योड़ा कोनीं
फिरै गाम सूं गाम
गुणीजन जग रा हेताल़ू है
अेक ठोड़ कांई काम

गुणीजन मिनखपणै रा चाकर
गुणीजन सेवक-दास
गुणीजनां री खातर बाकी
सूरज में गरमास

गुणीजनां रो टोटो कोनीं
सुणलो उण रा हाल
गुणीजनां सूं निजर हटा
सामै देख’ र चाल।