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गुब्बारे / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
मम्मी, देखो ये गुब्बारे,
रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे।
धरती के हों जैसे तारे,
ओहो, ओहो, ये गुब्बारे!
ये जादू वाले गुब्बारे,
अंबर तक पहुँचेंगे सारे।
तारों के संग झिलमिल करके,
चंदा के संग हिलमिल करके।
फिर धरती पर जब आएँगे,
मुझको खूब हँसाएँगे!