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गुलशन मधुर / परिचय

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आकाशवाणी, दिल्ली में 17 वर्ष और फिर वॉशिंगटन डी. सी. में वॉयस ऑव अमेरिका में 25 वर्ष उद्घोषक और समाचार-सम्पादक के रूप में और फिर डॉयचे वैले के लिए समाचार-संवाददाता के तौर पर काम कर चुकने के बाद अब सेवानिवृत्त। स्वतंत्र रूप से लेखन, सम्पादन और अनुवाद का काम जारी है।
दो कवितासंग्रह प्रकाशित–'होंठों पर चांदनी' (2015) , 'फिर फिर साकार होते हैं क्षण' (2018)
इस बीच, अमरीका के हिन्दी रचनाकारों की कविताओं और गद्य कृतियों की ऐन्थौलजी 'दिशांतर' का और अमरीका के ही हिन्दी कहानीकारों की रचनाओं के संकलन 'कथांतर' का सह्सम्पादन किया। कविताएँ और साहित्य, राजनीति तथा फिल्मों के विषयों पर लेख (कुछ अंग्रेज़ी में भी) पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।