गुलाब खंडेलवाल / परिचय
श्री गुलाब खंडेलवाल का जन्म राजस्थान के शेखावाटी प्रदेश के नगलगढ़ नगर में २१ फरवरी सन् १९२४ ई. को हुआ था। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने १९४३ ई. में बी.ए. किया। काशी के छात्र-जीवन में ही उनका सम्पर्क सर्वश्री बेढब बनारसी, हरिऔधजी, मैथिलीशरणजी, निरालाजी, बाबू सम्पूर्णानन्द, बाबू श्यामसुन्दरदास, पं. नन्ददुलारे बाजपेयी, पं. कमलापति त्रिपाठी, पं. सीताराम चतुर्वेदी, पं. श्री नारायण चतुर्वेदी आदि से हुआ जिससे उनके साहित्यिक संस्कार पल्लवित हुए। १९४१ ई. में उनके गीतों और कविताओं का संग्रह 'कविता' नाम से महाकवि निराला की भुमिका के साथ प्रकाशित हुआ और तब से अब तक उनके पचास से ऊपर काव्यग्रंथ और २ गद्य-नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने हिन्दी में गीत, दोहा, सॉनेट, रुबाई, ग़ज़ल, नयी शैली की कविता और मुक्तक, काव्यनाटक प्रबंधकाव्य, महाकाव्य, मसनवी आदि के सफल प्रयोग किये हैं जो पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी द्वारा संपादित गुलाब-ग्रंथावली के पहले, दूसरे, तीसरे, और चौथे खंड में संकलित हैं तथा जिनका परिवर्धित संस्करण आचार्य विश्वनाथ सिंह के द्वारा संपादित होकर वृहत्तर रूप में पुनः प्रकाशित हुआ है।
गुलाबजी की छः पुस्तकें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा और एक पुस्तक बिहार सरकार द्वारा पुरस्कृत हो चुकी हैं; प्रबंधकाव्य अहल्या, हनुमान मन्दिर ट्रस्ट, कलकत्ता द्वारा १९८५ में पुरस्कृत किया गया है तथा उनका खंडकाव्य आलोकवृत्त उत्तर प्रदेश में इंटर के पाठ्यक्रम में स्वीकृत है। काव्यसंबंधी उपलब्धियों के लिए उन्हें अमेरिका के बाल्टीमोर नगर की मानद नागरिकता १९८५ में प्रदान की गयी तथा छः दिसम्बर १९८६ को अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति, अमेरिका द्वारा राजधानी वाशिंग्टन में विशिष्ट कवि के रूप में उन्हें सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर मेरीलैंड के गवर्नर द्वारा समस्त मेरीलैंड स्टेट में उक्त दिन को हिन्दी-दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गयी। बाल्टीमोर नगर में भी उक्त दिवस को हिन्दी-दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गयी। २६ जनवरी २००६ को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी. सी. में अमेरीका और भारत के सम्मिलित तत्तावधान में आयोजित गणतंत्र-दिवस समारोह में, मेरीलैंड के गवर्नर द्वारा गुलाबजी को कवि-सम्राट की उपाधि से अलंकृत किया गया।
गुलाबजी के साहित्य के विविध अंगों पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में एम. ए. के कई शोधनिबंध लिखे जा चुके हैं तथा १९८५ में श्री रवीन्द्र राय को मगध विश्वविद्यलय द्वारा, १९९२ में श्री विष्णु प्रकाश मिश्र को मेरठ विश्वविद्यालय द्वारा एवं १९९४ में श्रीमती पूर्ति मिश्र को रूहेलखंड विश्वविद्यालय (बरेली) द्वारा पी. एच. डी. की उपाधि प्रदान की गयी है। पिछ्ले दो वर्षों में बरेली से तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डा. महाश्वेता देवी तथा डा. रामपति यादव के निर्देशन में दो अन्य व्यक्तियों को भी गुलाबजी के साहित्य पर पी. एच. डी. की उपाधि दी गयी है तथा अवध विश्वविद्यालय से भी एक शोधपत्र का कार्य हो रहा है। श्रीमती प्रतिभा खंडेलवाल भी मगध विश्वविद्यालय से उनके साहित्य पर पी. एच. डी. का शोधपत्र पूरा कर चुकी हैं।
गुलाबजी पिछ्ले १४-१५ वर्षों से अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति हैं। इस पद पर वे सर्वसम्मति से पाँचवी बार चुने गये हैं। २००७ में पू. मालवीयजी द्वारा स्थापित सुप्रसिद्ध साहित्यिक संस्था भारती परिषद, प्रयाग के भी वे अध्यक्ष चुने गये हैं। अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति की ओर से अमेरिका में प्रकाशित त्रयमासिक पत्रिका ’विश्वा’ के सम्पादक-मंडल के भी वे १५-१६ वर्षों तक वरिष्ठ सदस्य रह चुके हैं।
गुलाबजी की साहित्य-साधना अनवरत चल रही है। छायावाद-चतुष्टय -- प्रसाद, निराला, पंत और महादेवी के बाद हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवियों में उनकी गणना होती है।
गुलाब खंडेलवाल की कृतियाँ
श्री गुलाब खंडेलवाल द्वारा निम्नलिखित कृतियों की रचना की गई:
पद्य
- कविता (गीत और कवितायें)
- चाँदनी (गीत)
- बलि-निर्वास (काव्य-नाटक)
- कच-देवयानी (खंड-काव्य)
- उषा (महाकाव्य)
- अहल्या (खंड-काव्य)
- मेरे भारत, मेरे स्वदेश (देशभक्ति के गीत और दोहे)
- रूप की धूप (रुबाइयाँ, मुक्तक और दोहे)
- सौ गुलाब खिले (ग़ज़ल)
- आलोकवृत्त (खंड-काव्य)
- गाँधी-भारती (सॉनेट)
- पँखुरियाँ गुलाब की (ग़ज़ल)
- सीपी-रचित रेत (सॉनेट)
- कुछ और गुलाब (ग़ज़ल)
- नूपुर बँधे चरण (गीत और कवितायें)
- आयु बनी प्रस्तावना (गीत)
- शब्दों से परे (गीत और कवितायें)
- व्यक्ति बनकर आ (कवितायें)
- हर सुबह एक ताजा गुलाब (ग़ज़ल)
- कस्तूरी कुंडल बसे (मुक्तक)
- सब कुछ कृष्णार्पणम् (भक्ति-गीत)
- ऊसर का फूल (गीत और कवितायें)
- बूँदे - जो मोती बन गयी (मुक्तक)
- नाव सिन्धु में छोड़ी (गीत)
- नये प्रभात की अँगड़ाइयाँ (कवितायें)
- चंदन की कलम शहद में डुबो-डुबो कर (कवितायें)
- आधुनिक कवि - १९ गुलाब खंडेलवाल
- हम तो गाकर मुक्त हुए (गीत)
- Gulab Khandelwal - Selected Poems (अंग्रेजी में)
- कितने जीवन, कितनी बार (गीत)
- गीत-वृंदावन (गीत)
- सीता-वनवास (गीत)
- गीत-रत्नावली (गीत)
- तिलक करें रघुवीर (गीत)
- प्रेम-कालिंदी (गीत)
- भक्ति-गंगा (भक्ति-गीत)
- भावों का राजकुमार (गीत और कवितायें)
- देश विराना है (गीत और कवितायें)
- प्रीत न करियो कोय (मसनवी)
- प्रेम-वीणा (गीत और कवितायें)
- नहीं विराम लिया है (गीत)
- अंतःसलिला (गीत, मुक्तक और कवितायें)
- तुझे पाया अपने को खोकर (गीत)
- एक चन्द्रबिम्ब ठहरा हुआ
- रेत पर चमकती मणियाँ
- गुलाब-ग्रंथावली (परिवर्धित संस्करण) खंड-१ भाग-१
- गुलाब-ग्रंथावली (परिवर्धित संस्करण) खंड-१ भाग-२
- गुलाब-ग्रंथावली (परिवर्धित संस्करण) खंड-२
- गुलाब-ग्रंथावली (परिवर्धित संस्करण) खंड-३
- गुलाब-ग्रंथावली (परिवर्धित संस्करण) खंड-४
- दिया जग को तुझसे जो पाया (इसमें 'देहली का पत्थर' और 'पत्र-पुष्प' सम्मिलित हैं)(गीत)
- मेरे गीत, तुम्हारा स्वर हो (गीत)
- कालजयी (गीत, मुक्तक और कवितायें)
- ज्यों की त्यों धर दीनी चदरिया (गीत)
- कागज़ की नाव (गीत और कवितायें)
- The Evening Rose (English Poems)
- रवीन्द्र नाथ हिंदी के दर्पण में / गुलाब खंडेलवाल
- मेरी उर्दू ग़ज़लें / गुलाब खंडेलवाल
- हंसा तो मोती चुगे / गुलाब खंडेलवाल
- हर मोती में सागर लहरे / गुलाब खंडेलवाल
- महाकवि गुलाब खंडेलवाल की चुनी हुई रचनायें / गुलाब खंडेलवाल
- महाकवि गुलाब खंडेलवाल की चुनी हुई रचनायें (भाग-२) / गुलाब खंडेलवाल
गद्य
- राजराजेश्वर अशोक (नाटक)
- भूल (नाटक)