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गूँगी गुड़िया / सरोजिनी प्रीतम
Kavita Kosh से
बोल-बोल ओ गुड़िया गूँगी,
तुझको चंदा-तारे दूँगी।
दूल्हा होगा तेरा कैसा,
बिल्कुल उस चंदा के जैसा।
चंदा जैसा दूल्हा दूँगी,
बोल-बोल ओ गुड़िया गूँगी।
आँखें तो तू गोल घुमाती,
क्या कहती? कुछ ना बतलाती।
बार-बार मैं नहीं कहूँगी,
बोल-बोल ओ गुड़िया गूँगी।