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गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी
गे माई भूत-प्रेत बरिआती अनलनि, मोर जिया गेल डेराइ
गे माइ गालो चोकटल, मोछो पाकल, पयरोमे फाटल बेमाइ
गे माइ गौरी लए भागब, गौरी लए जायब, गौरी लए पड़ायब नइहर
गे माइ भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, इहो थिका त्रिभुवननाथ
शुभ-शुभ कए गौरी के बियाहू, तारू होउ सनाथ गे माई