भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गोरी गैया / सुरेश विमल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सब बच्चों की प्यारी गाय
दूध तलैया गोरी गाय।

गोरी गाय जंगल में जाय
कोमल कोमल दूब चबाय।

थक जाए जब गौरी गैया
जाए बैठ नीम की छैया।

कैसे घनी नीम की छैया
सो जाती है गोरी गैया।

गोरी गैया सोती जाए
मस्त ग्वाला चंग बजाए।