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गौरव भारत भूमि के, नमन विवेकानंद / पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'

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गौरव भारत भूमि के, नमन विवेकानंद।
गोरों की निज ज्ञान से, किया बोलती बंद॥

उठो-जगो, रुकना नहीं, जब तक मिले न लक्ष।
डटकर करो मुकाबला, दिक्कत अगर समक्ष।
जीना हमको है यहाँँ, काट गुलामी फंद।
गौरव भारत भूमि के, नमन विवेकानंद॥

शिक्षा बालक-बालिका, पाए एक समान।
भेदभाव करना नहीं, दिया अनोखा ज्ञान।
शुद्ध रखें निज आचरण, त्यागें सब छल छंद।
गौरव भारत भूमि के, नमन विवेकानंद॥

युवा हमारे राष्ट्र के, ताकत से परिपूर्ण।
सही दिशा में जो बढ़ें, जीतें जग संपूर्ण।
उनके हर उपदेश को, 'पूतू' करे पसंद।
गौरव भारत भूमि के, नमन विवेकानंद॥