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गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगिया / मैथिली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया

कोठा ओ सोफा शिवके मनहुँ नै भावे
टुटली मरैया ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया

पुरी जिलेबी शिवके मनहुँ नै भावे
भाँग धतुर ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया

पिरे पिताम्बर शिवके मनहुँ नै भावे
मृगके छाला ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया

साला दोसाला शिवके मनहुँ नै भावे
बाघके छाला ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया

घोडा आ गाडी शिवके मनहुँ नै भावे
बसहा बयल ला बेहाल जोगिया
डिम डिम डमरु बजबै छै गौरिके जोगिया
गौरी के जोगिया हे, उमाके जोगिया