घण्टियों की आवाज़ से घायल
कराहता,
आह भरता
धृष्ट अंधकार
बेघरबार
नापता डगों से वार-पार
ठहर गया है
संसार के ऊपर
(जैसे शोक का अशुभ समाचार)
घण्टियों की आवाज़ से घायल
कराहता,
आह भरता
धृष्ट अंधकार
बेघरबार
नापता डगों से वार-पार
ठहर गया है
संसार के ऊपर
(जैसे शोक का अशुभ समाचार)