भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घंटी / नील कमल
Kavita Kosh से
बजती है घंटी
प्रार्थना का समय है
करबद्ध यह जम्हूरियत
किसके सजदे में खड़ी है
बजती है घंटी
घंटी के बजने के साथ-साथ
बच्चे पढ़ते हैं इतिहास-भूगोल
घंटी के बजने का मतलब
गणित वाले मास्साब का आना है
सवाल है
श्यामपट्ट है
खड़िया है
देश के लिए सभ्य नागरिक
बनाने का कारखाना
चलता है घंटी से
बजती है घंटी
खुलते हैं टिफ़िन के डिब्बे
खुलती हैं पानी की बोतलें
बजती है घंटी
मिलती है सांस लेने की फुर्सत ... ।