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घरां सूं निकळ्यो म्हैं देखण नै तमासो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
घरां सूं निकळ्यो म्हैं देखण नै तमासो
तमासै में बणग्यो म्हैं खुद ई तमासो
भूवाजी भूख सूं नित करै बाथेड़ा
भतीजा पूछै- झुग्गा-टोपी फेर कद गासो
आगला आंसू तो सूक्या ई कोनी हाल
लोग पूछै म्हांनै- अबै फेर कद गासो
लील सूक दोनूं राखी म्हैं तो म्हारी
पण तो ई पख में पड़्यो कोनी पासो
हाथ ढकतां पग ऊघड़ै, पग ढकतां हाथ
थकां सीरख आछो रचयो औ रासो