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घरों में प्रवेश के लिए / नवल शुक्ल

बहुत दिनों से कोई मेरे घर नहीं आया
तो मैं सबके घर गया
सबने कहा, कोई नहीं आता अब
कोई नहीं।

कुछ समय से बदल रही थी यह जगह
और साथ-साथ घर
बहुत सारी उपयोगी चीज़ें पड़ी थीं बदलने के लिए
बहुत सारी अनपेक्षित वस्तुएँ इन्तज़ार में थीं
घरों में प्रवेश के लिए।

हम किसी घर की जगह बाज़ार जाते
और वापस अपने घर लौट आते
फिर बहुत दिनों बाद
जब नहीं आता कोई
तो कुछ इसी तरह की बातें करते।