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घर-6 / अरुण देव

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कठफोड़वा ले आई काठ
खट-खट-खट की आवाज़ से भर उठा वह अधबना घर

बनाई उसने चौखट
खिड़कियाँ, दरवाज़े, रोशनदान कि सुबह-सुबह आए सूरज
कि आए हवा
कि दिन और रात..आएँ