Last modified on 9 अक्टूबर 2007, at 23:38

घर आवो जी सजन मिठ बोला / मीराबाई

घर आवो जी सजन मिठ बोला।

तेरे खातर सब कुछ छोड्या, काजर, तेल तमोला॥

जो नहिं आवै रैन बिहावै, छिन माशा छिन तोला।

'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, कर धर रही कपोला॥