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घर का होना / लता अग्रवाल

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कितना ज़रूरी है
घर का होना
इन्सान के लिए
घर से ही वह घरवाला बनता है
आती है जीवन में घरवाली
रहता है स्थायी पता
डाकिया लाता है पातियाँ
आता है बिजली का बिल
ज़रूरी जो आधार कार्ड के लिए
आधार कार्ड बनाता है वैलिड हमें
दिलाता है राष्ट्र की सम्मानित पात्रता

घर देता है छत
छत बचाती है हमें
हर मौसम की मार से
दिलाता है समाज में रुतबा
बनी रहती है पहचान इन्सान की
उसके जाने के बाद भी

घर महज़ ईंट, सीमेंट या लोहे की
दीवार भर नहीं
यह जोड़ती है समाज से
लाता है पास
ईंटों की तरह
अपनत्व और प्यार से पगे
रिश्तों के जोड़ को करती है मजबूत
सीमेंट के मानिंद
जिन्दगी के कमजोर पलों में
देता हैं सम्बल घर
बनाता है मज़बूत हमें
लोहे की तरह
घर का होना
बहुत ज़रूरी है इन्सान को
आसमान की तरह।