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घर चढ़े न´ दे हे घरनी / सिलसिला / रणजीत दुधु

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ये मुखियाजी पार करा दा राहत वैतरनी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2

कलुआ लेलक मलुआ लेलक लेलक कारा-गोरा
सभे के घर भरिये देलहो हमरो दे दा दु बोरा
सब दिन साथ रहलियो तोहर शादी हो या मरनी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2

दिन भर तोरा अगोरऽ ही साँझ में लौटऽ ही खाली
दुश्मन जैसन रगेदे हे हमरा देख घरवाली
पकड़ा गेला पर दु हथो लगवे तड़ाबड़ बढ़नी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2

कुमरकी लेलक विहलकी लेलक भगलका मरलका
नब्बे बरिस के बूढ़ा बूढ़ी दस बरिस के जलमलका
साँसे गाँव दलिदर हो गेल खखोरनी-बटोरनी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2

माउग लेलक मरद लेलक लाखपतिया करोड़पति
हम लेवे लायक हूँ कि न´ जानथुन देवी भगवती
हमरे पर चललो तोहर खचाखच तेज कतरनी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2

राहत के नियम जानऽ हल देना सभे परिवार के
रोजे टीभी पर सुनऽ हलूँ ऐलान सरकार के
भोट घड़ी तो भोगे पड़तो जैसन कैला करनी
घर चढ़े न´ दे हे घरनी-2