भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर मर जाते हैं / नरेन्द्र पुण्डरीक

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

कितना सच है
महमूद दरवेेश का यह कहना
जब रहने वाले कहीं और चले जाते हैं तो
घर मर जाते हैं,

मैं सोच रहा हूॅ
ऐसे ही बिना किसी युद्ध के
एक भी कतरा ख़ून का गिराए
हमने छोड़ दिया
मरने के लिए घर को,

मुझे लगता है जीवित नहीं बचे हम
उसी दिन से शुरू हो गया था
टुकड़ों-टुकड़ों में हमारा मरना,

न यहाँ बेरूत है
न इज़़राइल
न ताशकन्द
न तेहरान
न बगदाद
पर चालू है घरों का मरना
बिना टूटे दीवारें उसाँसें लेती हैं
बन्द ताले लगे दरवाज़ों को देख
बिल्लियाँ देती हैं बददुआएँ
कुत्ते नाम को लेकर रोते हैं
जब घर मरते हैं,

युद्ध से लड़े-जूझे घरों में
लोग लौट आते हैं
हाथों से पोछते हुए
बन्द खुले किवाड़ों के आँसू,

जिन घरों को दीवालें
मान कर छोड़ दिया जाता है
उन घरों में कभी नहीं लौटते लोग
कितनी भयानक होती है घर की मौत
छूटते घर की गोहार सुन
सबसे पहले उसकी दीवारें हदसियाती हैं
जिनसे कभी तनती थी छाती।