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घर में छिप जाइए, अच्छा रहेगा / सांवर दइया
Kavita Kosh से
घर में छिप जाइए, अच्छा रहेगा।
अब हो चुप जाइए, अच्छा रहेगा।
लोगों को पत्थर चुनते देखा है,
अब इधर न आइए, अच्छा रहेगा।
हर घड़ी लगा है हंगामे का डर,
जलसा न लगाइए, अच्छा रहेगा।
हर मोड़ खड़े लोग इंतज़ार में,
बाहर न आइए, अच्छा रहेगा।
हर आदमी हुआ आज आईना,
दूर हट जाइए, अच्छा रहेगा।