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घर में नित लागै आग, माड़ी बात / सांवर दइया
Kavita Kosh से
घर में नित लागै आग, माड़ी बात
तो ई नीं आवै जाग, माड़ी बात
दीवळ लागी लकड़ी- सो हुयो डील
आंख्यां में सौ-सौ नाग, माड़ी बात
बदळती रुतां-हवा रा अरथ भूलै
चेतै चढै एक राग, माड़ी बात
किण नै कैवां कुण सुणै, अठै मन री
अष्टपौर भागम भाग, माड़ी बात
किणी एक सांस रै सुख खातर अठै
फूटै मिनख रा भाग, माड़ी बात