परीक्षा में फ़ेल हो जाने पर 
या माँ-बाप से लड़कर 
घर से भाग जाता है लड़का 
दुख व्यक्त करते हैं लोग 
लड़का कहीं कर लेता है 
दो रोटी का जुगाड़ 
या फिर कुछ दिन घूम-फिरकर 
लौट आता है अपने घर 
ख़ुशियों से भर जाता है घर 
जैसे लम्बे सूखे के बाद 
वर्षा की बूँदों का झरना 
पतझड़ के बाद बसंत का आ जाना ।
सौतेली माँ के उत्पीड़न से 
या 
शराबी बाप के आतंक से 
घर से भाग जाती है लड़की कभी 
गाँव भर में शुरू हो जाता है 
चर्चाओं का उफ़ान 
आँगन हो / गली हो / पनघट हो 
या चाय की दुकान 
आ ही जाती है उसके भागने की बात 
तरह-तरह की आकाँक्षाएँ 
संबंधों की बातें
जितने मुँह उतने अफ़साने
 
दो-चार दिन में लौट आती है लड़की 
घर में बढ़ जाता है तनाव 
कहीं कोई ख़ुशी नहीं 
मर क्यों नहीं गई 
मर ही जाती 
क्यों लौट आई यह लड़की ।