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घर -१ / नवनीत शर्मा

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भेजते रहना

पिछवाड़े वाले हरसिंगार जितनी हँसी

घराल के साथ वाले अमरूद की चमक

दुनिया चाहती है तरह-तरह के सवाल रखना

शरारतों के बाद

मेरे छुपने के ठिकानों

अपना ख्‍याल रखना.