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घर / सबीर हका
Kavita Kosh से
मैं पूरी दुनिया के लिए कह सकता हूँ यह शब्द
दुनिया के हर देश के लिए कह सकता हूँ
मैं आसमान को भी कह सकता हूँ
इस ब्रह्माण्ड की हरेक चीज़ को भी।
लेकिन तेहरान के इस बिना खिड़की वाले किराए के कमरे को
नहीं कह सकता,
मैं इसे घर नहीं कह सकता।
अँग्रेज़ी से अनुवाद -- गीत चतुर्वेदी