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घावों की अलमारी / कैत्रिओना नी क्लेअरचिन / राजेश चन्द्र

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(क)

मुझे खोल ही देना चाहिए
अपने हृदय को
ताकि तुम देख सको मेरी घावों की अलमारी

क्यों मैं भागी
क्यों भागती फिरती हूँ अब भी

तुम अवश्य देख पाओगे
मेरा संत्रास

(ख)

मैं बन्द कर लेती हूँ अपनी आँखें
पर जो कुछ भी दिखाई पड़ता है — सब लाल-लाल

जैसे कि लहू
या फिर अफ़ीम

यदि मैं कभी भूल भी जाऊँ
तो भी वे जलते हैं
लाल-लाल ही

(ग)

एक मर्मान्तक ब्लेड-सी तीक्ष्ण वेदना
मुझे काटती हुई भीतर

जान नहीं पाती
कि क्यों ।

हृतवेदनाएँ,
टीस घाव की

शब्द, अन्तराल, विचार
शब्दघाव ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र