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घेरा फड़लौ गे जटिन, झिमनी फड़लौ गे / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घेरा फड़लौ गे जटिन, झिमनी फड़लौ गे
तोँ नै जेबही ससुरबा, घेरा केये बेचतौ गे
मतारी बेचतौ रे जटा, बहिनियाँ बेचतौ रे
एमरी के लगनमा हम तऽ नहिये जेबौ रे
पलंगा घोरेबै गे जटिन, तोसक बनेबै गे
जाड़ा के मौसिममे जटिनियां, केये सुततै गे
बहिनी सुततौ रे जटा, बहिनी सुततौ रे
जाड़ा के मौसिमियां रे जटा, बहिनी सुततौ रे
मोरंग जेबौ गे जटिन, बंगाल जेबौ गे
ओत्तऽ के जे भेजल रुपैया, केये रखतौ गे
मतारी रखतौ रे जटा, बहिनियाँ रखतौ रे
एमरी के लगनमा हम तऽ नहिये जेबौ रे