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घोड़ागाड़ी / श्रीप्रसाद
Kavita Kosh से
तीन कुर्सियाँ आगे रक्खीं
पीछे रक्खी एक, हमारी घोड़ागाड़ी
पीछे की कुर्सी पर बैठे
दादा लाटी टेक, हमारी घोड़ागाड़ी
तीनों घोड़े चले दौड़कर
सरपट चलते चाल, हमारी घोड़ागाड़ी
चट से नानी के घर पहुँचे
कैसा किया कमाल, हमारी घोड़ागाड़ी
नानी के घर रुके एक दिन
फिर पहुँचे जालौन, हमारी घोड़गाड़ी
इतनी जल्दी चलती है यह
करे सामना कौन, हमारी घोड़ागाड़ी
गाड़ी में हम सब बैठे हैं
गाते जाते गीत, हमारी घोड़गाड़ी
इधर-उधर में इसी तरह से
गये तीन दिन बीत, हमारी घोड़गाड़ी
घूमघामकर घर पर आये
खतम हो गया खेल, हमारी घोड़गाड़ी
इस गाड़ी के आगे चलती
सीटी देकर रेल, हमारी घोड़ागाड़ी
कुर्सी अपनी जगह लगा दें
और करें कुछ काम, हमारी घोड़ागाड़ी
कल फिर यही खेल खेलेंगे
आ जाना कल शाम, हमारी घोड़गाड़ी।