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घोड़ा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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घोड़ा आता घोड़ा आता
सरपट दौड़ा-दौड़ा आता
कभी कहरवा कभी दादरा
सधी ताल पर चलता जाता
खाने को कुछ नहीं मांगता
केवल हरीघास है खाता
वीरों की तो शान है भाई
उनसे ही बढ़कर है नाता
बच्चों का अरमान है घोड़ा
राजाओ की शान है घोड़ा
रेसकोर्स की शोभा घोड़ा
सुंदरता कि खान है घोड़ा
इतिहासों में नाम हे घोड़ा
चेतक जैसी आन है घोड़ा
दूल्हे का अरमान है घोड़ा
भारत की पहचान है घोड़ा