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घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घोड़ी बने की आ गई देखो कैसी सजे
सीस बने के चीरा सोहै पेंची पै हीरे जड़े
अंग बने के जामा सोहै कुण्डल पै लाल जड़े
गले बने के माला सोहै देखो फूल कैसे सजे
ऊंगली बने के अंगूठी सोहै अंगूठी में नीलम जड़े
पैर बने के जूती सोहै जूती को खूब सजे
संग बने के बनी सोहै फूलों की झड़ी लगे।