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घौ मर्च चारिगे सियासत / बीना बेंजवाल
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अंद्वार आपदै धारिगे सियासत
च्वरमरैं बिमौत मारिगे सियासत
मंझ्यै सुपिन्वा जळदा द्यू
अंध्यारु आँख्यौं सारिगे सियासत
सक्याऽ सूरा अजण्ड पाड़
बारूद बिसनौ चारिगे सियासत
खेति-किसाण्या हमारा सल्ल
अर्जि नौकरी वारिगे सियासत
दवै का बदला बाँटी दारु
आस जिंदगी मारिगे सियासत
पूळै जगा टुटदि टूौल्यौंन
बच्याँ मनख्यौं तारिगे सियासत
धौसंद करिक छा मौळणा
घौ मर्च चारिगे सियासत
सुरजौ बाटु न्याळदि आँख्यौं
खार्यौं ह्यूँ थारिगे सियासत
परपंचा गर्रा बोरि-कट्टा
चौक पंचैति उतारिगे सियासत
रंग गौंकि रौनका सबि
सहरै संदुक्यौं सारिगे सियासत।