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चंद की मरीची काम तोरि बिथराय दीनी / शिव नाथ

चंद की मरीची काम तोरि बिथराय दीनी ,
कैधौं हीरा फोरि कै कनूका धरि धरिगे ।
कैधौं काम मंदिर की झंझरी बनाई बिधि ,
कैधौं सोनजुही के पुहुप झरि झरिगे ।
कामिनी मनोरथ के आल बाल सिवनाथ ,
मैन के मतँग माते बेलि चरि चरिगे ।
अमल कपोलन पै दाग नहीं सीतला के ,
डीठि गड़ि गड़ि गई दाग परि परिगे ।


शिव नाथ का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।