चउथेपन आए तब पुत्र हम पायो नाथ
ताको करि ओट कइसे दिवस को बितावेगें।
मांगिए जो राज विभव तुरत ही मंगाई नाथ
सेना चतुरंगिनी को साथ ही पठावेगें।
प्राण के आधार सुकुमार है हमारो नाथ
चार दिन के बालक कइसे असुर से लड़ावेगें।
द्विज महेन्द्र दोऊ कर जोर के निहोरा करे
अबहीं बुढ़ारी समय धेनुसा को उठावेगें।