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चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो / राजस्थानी
Kavita Kosh से
♦ रचनाकार: अज्ञात
चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो, देखाधूं थारो सासरो रे
जांणे जाणें जोगीड़ो रा डेरा, ऐंडू के शार्रूं सासरो रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो, देखांधू थारा सुसरा रे
जाणें जाणें पड़गो रा वौरा, ऐड़ा रे थारा सुसरा रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें पड़गा री "बोंरी' ऐड़ी तो थारी सासूजी रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो, देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी, ऐड़ी तो थारी साली रे