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चतुर्भुजदास / परिचय
Kavita Kosh से
अष्टछाप के भक्त कवि चतुर्भुजदास कुम्भनदास के सबसे छोटे पुत्र थे। इन्हें बचपन से ही कविता में रुचि थी। इन्हें अपने पिता का अगाध स्नेह प्राप्त था। इनकी रचना शैली भी उनसे प्रभावित है। चतुर्भुजदास के पद 'कीर्तन-संग्रह, 'कीर्तनावली तथा 'दान-लीला में संग्रहित हैं, जिनमें कृष्ण-जन्म से लेकर गोपी-प्रेम-लीला तक के वर्णन हैं। इनके पदों में माधुर्य-भक्ति का दिग्दर्शन है। इनके बनाए तीन ग्रन्थ मिले हैं-- द्वादशयश,भक्तिप्रताप तथा हितजू को मंगल.