भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चतुर नेता / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
Kavita Kosh से
बातें रख रख बात बात में बात बनावें।
रंग बदल कर नये नये बहुरंग दिखावें।
कर चतुराई परम-चतुर नेता कहलावें।
मीठे मीठे वचन बोल बहुधा बहलावें।
जो करें जाति हित नाम को बहु भूखे हों नाम के।
वे बड़े काम के क्यों न हों हैं न देश के काम के।