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चतुर नेता / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

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बातें रख रख बात बात में बात बनावें।
रंग बदल कर नये नये बहुरंग दिखावें।
कर चतुराई परम-चतुर नेता कहलावें।
मीठे मीठे वचन बोल बहुधा बहलावें।
जो करें जाति हित नाम को बहु भूखे हों नाम के।
वे बड़े काम के क्यों न हों हैं न देश के काम के।