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चलह सखी सुखधाम श्याम जँ राम रचे / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चलह सखी सुखधाम श्याम जँ राम रचे
पग-पग चल निहारि कय, गज गामिनि ब्रजनारि
श्याम-प्रीति केर कारणेँ, सुतपति गृह देल छारि
आरे कोकिल मोर घोर घन टेरय, शब्द जाय बड़ि दूरि
कुसुमित कुंज सघन घन अनुपम, निरखि रहय शशि चूरि
शेष महेश निगम चतुरानन, सुर-नर-मुनि करु ध्यान
चल सखि रास करय वृन्दावन, गोप बधू तजि मान
गोपी गोप मगन भय नाचथि, केओ ने रहय तँह थीर
पशु-पक्षी सभ मुदित कुंज के, जमुनाक अंटकल नी
वृन्दावन केर कुंज गलीमे, श्याम चराबथि गाय
सुकवि दास श्यामक दर्शनसँ, हर्ष न हृदय समाय