Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 10:43

चलिए महाराज राज राज के कुमार जहाँ / महेन्द्र मिश्र

चलिए महाराज राज राज के कुमार जहाँ
उम्दे दूकान मारवारिन के ठट्ट हैं।
ई तो टुटपंजिया बेइमान है जहान के बीच
नीचन में नीच ई तो सबही से छंट्ट है।
बात के बनावे बैमान भी कहावे बैपारिन
के लोभावे पइसा लेता खटाखट्ट है।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र छोड़ो जी दूकान याके
कहाँ ले सुनाऊँ ई तो भारी गलाकट्ट है।