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चलिए महाराज राज राज के कुमार जहाँ / महेन्द्र मिश्र

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चलिए महाराज राज राज के कुमार जहाँ
उम्दे दूकान मारवारिन के ठट्ट हैं।
ई तो टुटपंजिया बेइमान है जहान के बीच
नीचन में नीच ई तो सबही से छंट्ट है।
बात के बनावे बैमान भी कहावे बैपारिन
के लोभावे पइसा लेता खटाखट्ट है।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र छोड़ो जी दूकान याके
कहाँ ले सुनाऊँ ई तो भारी गलाकट्ट है।