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चलेंगे साथ मिलकर हम / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
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चलेंगे साथ मिलकर हम।
जमाने से भुलाकर गम।।
कहो कैसी लगी दुनिया।
हुई क्या संग से कुछ कम।।
मचा है शोर कुछ ऐसा।
धरा पर दिख रहे मातम।।
झपटते लोग खुशियों को।
गयीं हैं सांस सबकी थम।।
भला क्या है बुरा क्या है।
समझते है बहुत ही कम।।
झनकते पैर में घँुघरू।
थिरकते साज पर सरगम।।
यही है ज़िन्दगी मेरी।
रही है खोजती हरदम।।