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चलें काट धनमा / श्रीस्नेही

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अब चलें काटे धनमा उठें गे बहिनऽ।
कचिया सम्हाल लेॅ ले खोयछा जल खैया।
संगेॅ-संगेॅ लेॅकेॅ चलें माय-बाप भैया॥
हमरऽ गरीबऽ के राजा अगहनमा,
उठें गे बहिनऽ।
टैचुन नगीना के लोरी सुनैबै।
झूमी-झूमी खेतबा में कोहबर गैबै॥
नाची-नाची खेतवा रिझैबै मनमा,
उठें गे बहिनऽ।
पत्तन समेटी ओसैलऽ अँटियैबै।
कस्सी-कस्सी अँटियाँ सें बोझऽ पूरैबै॥
लानी खेतऽ सें सजैबै खरिहनमा,
उठें गे बहिनऽ।