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चलो किसी घर गुलाल कर दें / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
Kavita Kosh से
चलो किसी घर गुलाल कर दें।
नयन से सीधे हलाल कर दें।।
चुनाव का जब मिले नतीजा।
निदान पर ही सवाल कर दें।।
कमल खिले या नहीं खिले पर।
किसी तरह से कमाल कर दें।।
बहुत झान पर उफान होगा।
वहीं पर जाकर धमाल कर दें।।
मलाल केवल मलाल होगा।
मलाल को ही मराल कर दें।।