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चलो जल्दी सजो बन्ना / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे बाबा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी दादी के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है

चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे ताऊ हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी ताई के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है

चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे पापा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी मम्मी के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है

चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे चाचा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी चाची के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है