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चाँद को देख के दिल उसका बहल जायेगा / रंजना वर्मा
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चाँद को देख के दिल उसका बहल जायेगा
चाँदनी के लिये हर बार मचल जायेगा
राधिका तू है सदा श्याम के दिल की मलिका
देख कर रूप तेरा चाँद पिघल जायेगा
है बड़ी सँकरी गली यार इस मुहब्बत की
बस अकेला ही यहाँ आ के निकल जायेगा
जिस्म दो इश्क में मिल एक हुआ करते हैं
हुस्न मिल जाये तो खुद इश्क़ में ढल जायेगा
रोक लो गांव में जाये न छोड़ कर कोई
जो शहर में गया वह जा के बदल जायेगा
मिला फुरकत से है तोहफ़ा तुम्हारी यादों का
आंच ग़र ग़म की मिलेगी तो ये जल जायेगा
बाँटता रहता जमाने को उजाला दिन भर
भोर सूरज जो उगा शाम को ढल जायेगा