गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 26 मई 2011, at 00:10
चाँद चुटकी भर रख दिया किसी ने / त्रिपुरारि कुमार शर्मा
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
त्रिपुरारि कुमार शर्मा
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
चाँद चुटकी भर रख दिया किसी ने
मचलती हुई - सी रात के माथे पर
बेचारी रात सुबह विधवा हो जायेगी