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चाँद पर गुरुत्वाकर्षण बल कम है / रोहित ठाकुर
Kavita Kosh से
इस धरती पर देखो
कितना गुरुत्वाकर्षण बल है
इसे तुम विज्ञान की भाषा में
नहीं समझ सकते
कितने लोग हैं जिनकी चप्पलें
इस धरती पर घिसती है
कितने लोग हैं जो पछाड़ खा कर
इसी घरती पर गिरते हैं
कितने लोग हैं जिनके बदन से छीजता
पसीना इस धरती का नमक है
कितने लोग हैं जो थक कर चूर हैं
और इस धरती पर लेटे हुए हैं
कितने लोग हैं जो इस धरती
पर गहरी चिंता में डूबे हैं
वे जो प्रेम में हैं
और वे जो घृणा में हैं
इसी धरती पर हैं
कितने लोग हैं जो
आशाओं से बंधे हैं
कितने लोग हैं जो
किसी की प्रतीक्षा में हैं
इस धरती का जो
गुरुत्वाकर्षण बल है
यह इन सबका ही
सम्मिलित प्रभाव है