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चांद पर जन्म नहीं लेती एक भी गीत-कथा / ओसिप मंदेलश्ताम

चाँद पर
जन्म नहीं लेती
एक भी गीत-कथा

चाँद पर
सारी जनता
बनाती है टोकरियाँ

बुनती है पयाल से
हल-फुल्की टोकरियाँ

चाँद पर
अन्धेरा है
उसके आधे हिस्से में

और शेष में
घर हैं साफ़-सुथरे

नहीं, नहीं
घर नहीं हैं चाँद पर
सिर्फ़ कबूतरख़ाने हैं

नीले-आसमानी घर
जिनमें रहते हैं कबूतर

(रचनाकाल : 1914)

मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
            Осип Мандельштам
            ...На луне не растет

...На луне не растет
Ни одной былинки;
На луне весь народ
Делает корзинки —
Из соломы плетет
Легкие корзинки.

На луне — полутьма
И дома опрятней;
На луне не дома —
Просто голубятни;
Голубые дома —
Чудо-голубятни...

1914