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चांद सूरज सा हाल है अपना / अभिषेक कुमार अम्बर

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चांद सूरज सा हाल है अपना
कट गई उम्र दर-ब-दर फिरते
घूमते रहते हैं हमेशा पर
हम किसी मोड़ पर नहीं मिलते।