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चाचा नेहरू / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
रहा प्यार की
दिखलाते थे,
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
नहीं किसी से भी डरते थे
आगे ही आगे बढ़ते थे,
अमन-चैन था उनका सारा
दुष्ट फिरंगी जिससे हारा।
अंग्रेजों को
दहलाते थे,
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
आजादी अधिकार हमारा
ऊँचा रहे तिरंगा प्यारा,
बढ़कर हम देंगे कुर्बानी-
गरज उठा था यह सेनानी।
नदिया, सागर
खौलाते थे,
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!
सीने पर हँसता गुलाब था
हर ढंग उनका लाजवाब था,
बच्चों में बच्चे बन जाते
साथ-साथ कहकहे लगाते।
इसीलिए
इतना भाते थे,
चाचा नेहरू! चाचा नेहरू!