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चादर / भोला पंडित प्रणयी

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चादर से व्यक्ति की
पहचान बनती है-
चादर में आदर है ।

चादर रेशमी हो या सूती
सादी हो या रंगीन
वह स्वच्छ होनी चाहिए
और उसकी सुरक्षा
कबीर की तरह
”ज्यों की त्यों धर दीनी“
की तरह भी हो ।

ख़याल रहे-
चादर में दाग न लगे
और अपने पाँव
चादर से बाहर न फैलाएँ ।