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चारु खम्हवा गड़िह ए बाबा / भोजपुरी
Kavita Kosh से
चारु खम्हवा गड़िह ए बाबा, चारि जे कोनवाँ;
मानिक खम्हवाँ गड़िह ए बाबा, बेदिया का बीचे।।१।।
चारि कलसा धरिह ए बाबा, चारि जे कोनवाँ
मानिक कलसा धरिह ए बाबा, बेदिया का बीचे।।२।।
चारु दिअना धरिह ए बाबा, चारि जे कोनवाँ
मानिक दिअना धरिह ए बाबा, बेदिया का बीचे।।३।।
फूल छितरइह ए बाबा, चारिउ कोने
मानिक फूलवा धरिह ए बाबा, बेदिया का बीचे; ऊपरे भवँरा गुँजारे।।४।।